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चीन के गुलाम मुइज्जू ने मालदीव को बर्बाद कर दिया, सैलरी देने के भी पैसे नहीं, 80 करोड़ का लिया कर्ज

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मालदीव के राष्ट्रपति मुइज्जू पर आरोप लगाए गए हैं कि उन्होंने अपने शासन के दौरान देश को आर्थिक संकट में धकेल दिया है। रिपोर्ट्स के अनुसार, मुइज्जू सरकार के पास कर्मचारियों की सैलरी देने के लिए भी पैसे नहीं हैं और उन्होंने चीन से 80 करोड़ रुपये का कर्ज लिया है।

आर्थिक संकट की वजहें

मुइज्जू के नेतृत्व में मालदीव की अर्थव्यवस्था में गंभीर गिरावट आई है। आर्थिक विशेषज्ञों का कहना है कि राष्ट्रपति की नीतियों और विदेशी कर्ज के बोझ ने देश की वित्तीय स्थिति को अत्यधिक कमजोर कर दिया है।

चीन के प्रभाव

मुइज्जू की सरकार पर यह आरोप भी है कि वह चीन के प्रति अत्यधिक झुकी हुई है। यह कहा जा रहा है कि चीन से लिए गए कर्ज ने मालदीव की संप्रभुता को खतरे में डाल दिया है। कई परियोजनाओं के लिए लिए गए कर्जों के कारण मालदीव को अपने संसाधनों को चुकाने में कठिनाई हो रही है।

सैलरी का संकट

हाल के दिनों में, मालदीव के सरकारी कर्मचारियों को समय पर सैलरी नहीं मिल रही है, जिससे देश में व्यापक असंतोष फैल गया है। कर्मचारी संघों ने सरकार से तत्काल कदम उठाने की मांग की है, ताकि उन्हें उनकी मेहनत की सही कीमत मिल सके।

राजनीतिक प्रतिक्रिया

मुइज्जू की सरकार के खिलाफ राजनीतिक दलों ने विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिए हैं। विपक्षी नेताओं का कहना है कि राष्ट्रपति ने देश को संकट में डाल दिया है और उन्हें अपने पद से इस्तीफा देना चाहिए।