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जब इजरायल और भारत ने बनाया था पाकिस्तान के न्यूक्लियर प्लांट को उड़ाने का प्लान, जानें क्यों अंजाम तक नहीं पहुंचा ऑपरेशन

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भारत और इजरायल के बीच एक रहस्यमयी संबंध रहा है, खासकर सुरक्षा और रक्षा के क्षेत्रों में। एक दिलचस्प मामला यह है कि दोनों देशों ने पाकिस्तान के न्यूक्लियर प्लांट को नष्ट करने का एक संभावित ऑपरेशन तैयार किया था, लेकिन यह योजना अंजाम तक नहीं पहुंच सकी।

प्लान का बैकग्राउंड

90 के दशक में, जब पाकिस्तान अपने न्यूक्लियर कार्यक्रम को विकसित कर रहा था, तब भारत और इजरायल दोनों ही इससे चिंतित थे। इस समय के दौरान, इजरायल ने अपने ऑपरेशन “ओसिरैक” के माध्यम से इराक के न्यूक्लियर रिसर्च रिएक्टर को नष्ट किया था। इस सफलता से प्रेरित होकर, इजरायल ने भारत के साथ मिलकर पाकिस्तान के न्यूक्लियर प्लांट्स को निशाना बनाने का विचार किया।

योजना के प्रमुख तत्व

  1. खुफिया जानकारी: दोनों देशों के खुफिया एजेंसियों ने पाकिस्तान के न्यूक्लियर कार्यक्रम की जानकारी इकट्ठा की थी। इसमें उनके ठिकानों की पहचान और सुरक्षा का आकलन शामिल था।
  2. सामरिक सहयोग: भारत और इजरायल ने अपने सैन्य संसाधनों और तकनीकी क्षमताओं का संयोजन किया, ताकि एक सफल ऑपरेशन को अंजाम दिया जा सके।

ऑपरेशन के अंजाम तक न पहुंचने के कारण

हालांकि, यह योजना कभी भी अंजाम तक नहीं पहुंच सकी। इसके कई कारण रहे:

  • राजनीतिक दबाव: अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तनाव और पाकिस्तान के साथ भारत के रिश्तों में जटिलता के कारण इस ऑपरेशन को लागू करने में कठिनाई आई।
  • गुप्त जानकारी का रिसाव: सुरक्षा कारणों से यदि यह योजना लीक हो जाती, तो इसके गंभीर परिणाम हो सकते थे। इसके अलावा, पाकिस्तान की प्रतिक्रिया की संभावना भी एक महत्वपूर्ण चिंता थी।
  • इजरायल की प्राथमिकताएं: इजरायल ने भी अपनी रणनीति को पुनः विचार किया और अपनी प्राथमिकताओं को अन्य क्षेत्रों में स्थानांतरित किया।