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पेंशनभोगियों के जीवन को सरल और डिजिटल बनाने की पहल।

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“77 लाख डिजिटल जीवन प्रमाण पत्र: दूसरा सप्ताह सफल”

भारत सरकार ने पेंशनभोगियों के जीवन को सरल और सुगम बनाने के उद्देश्य से डिजिटल जीवन प्रमाण पत्र (डीएलसी) पहल की शुरुआत की है। इसके तहत डीएलसी अभियान 3.0 एक क्रांतिकारी कदम साबित हो रहा है। डिजिटल तकनीक के माध्यम से पेंशनभोगियों को सशक्त बनाने की दिशा में इस अभियान ने दूसरे सप्ताह में महत्वपूर्ण उपलब्धियां हासिल की हैं।

डीएलसी अभियान 3.0: एक नजर में

यह अभियान पेंशनभोगियों को डिजिटल माध्यम से जीवन प्रमाण पत्र जमा करने की सुविधा प्रदान करता है। पारंपरिक कागजी प्रक्रिया को हटाकर इस डिजिटल प्रणाली ने प्रमाण पत्र जमा करने को अधिक सुविधाजनक और तेज़ बना दिया है।

दूसरे सप्ताह की मुख्य उपलब्धियां

  1. 77 लाख डिजिटल जीवन प्रमाण पत्र तैयार:
    दूसरे सप्ताह के अंत तक देशभर में 77 लाख से अधिक डीएलसी तैयार किए गए। यह संख्या इस अभियान की लोकप्रियता और इसकी उपयोगिता को दर्शाती है।
  2. चेहरे के प्रमाणीकरण की सफलता:
    कुल डीएलसी में से 24 लाख यानी 34 प्रतिशत प्रमाण पत्र चेहरे के प्रमाणीकरण के माध्यम से तैयार किए गए। यह तकनीक उन वरिष्ठ नागरिकों के लिए बेहद लाभकारी साबित हुई है, जिन्हें बायोमेट्रिक पहचान में कठिनाई होती है।
  3. राष्ट्रव्यापी उत्साह:
    सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से इस अभियान को लेकर भारी उत्साह और सकारात्मक प्रतिक्रिया मिली है। यह दर्शाता है कि डिजिटल तकनीक देश के हर कोने तक पहुंच रही है।

डीएलसी अभियान की विशेषताएं

  1. डिजिटल जीवन प्रमाण पत्र (DLC):
    पेंशनभोगी अब बैंक शाखाओं, पोस्ट ऑफिस या अन्य सरकारी कार्यालयों में जाने के बजाय घर बैठे डिजिटल माध्यम से प्रमाण पत्र जमा कर सकते हैं।
  2. चेहरे का प्रमाणीकरण:
    यह नई तकनीक पेंशनभोगियों को सिर्फ अपने स्मार्टफोन के कैमरे का उपयोग करके प्रमाण पत्र जमा करने की सुविधा देती है।
  3. समय और संसाधन की बचत:
    इस प्रणाली से पेंशनभोगी अपना समय और संसाधन बचा सकते हैं।

डीएलसी अभियान के लाभ

  1. पेंशनभोगियों के लिए सुविधा:
    डिजिटल प्रणाली ने जीवन प्रमाण पत्र जमा करने को सरल और परेशानीमुक्त बना दिया है।
  2. तकनीकी सशक्तिकरण:
    इस अभियान ने डिजिटल साक्षरता को बढ़ावा दिया है और लोगों को तकनीक से जोड़ने का काम किया है।
  3. पारदर्शिता और दक्षता:
    डिजिटल प्रमाण पत्र प्रणाली पारदर्शिता और कार्यक्षमता को बढ़ावा देती है, जिससे समय पर पेंशन वितरण सुनिश्चित होता है।

निष्कर्ष

डीएलसी अभियान 3.0 भारत में पेंशनभोगियों के जीवन को आसान बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है। डिजिटल तकनीक के उपयोग से यह अभियान न केवल सुविधाजनक है, बल्कि इसे देशव्यापी समर्थन भी मिला है। दूसरे सप्ताह में मिली सफलता इस बात का प्रमाण है कि भारत तेजी से डिजिटल सशक्तिकरण की ओर बढ़ रहा है।