मंदिरों पर सरकारी नियंत्रण के खिलाफ विश्व हिंदू परिषद का अभियान, विहिप ने उठाए गंभीर आरोप
विश्व हिंदू परिषद (विहिप) ने मंदिरों पर सरकारी नियंत्रण के खिलाफ देशव्यापी अभियान शुरू करने की घोषणा की है। विहिप के संयुक्त महासचिव सुरेंद्र जैन ने मंगलवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार मंदिरों की संपत्ति का दुरुपयोग कर रही है और इसका उद्देश्य मंदिरों की संपत्तियों को लूटना है।
विहिप का आरोप
सुरेंद्र जैन ने कहा, “सरकारें मंदिरों का नियंत्रण अपने हाथ में लेकर उनकी संपत्तियों का शोषण कर रही हैं। मंदिरों की कमाई और संसाधनों का इस्तेमाल धर्म के हित के बजाय अन्य कार्यों में किया जा रहा है। यह मंदिरों की गरिमा और पवित्रता के साथ खिलवाड़ है।” उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि मंदिरों को उनकी मूल संरचना और प्रबंधन के अंतर्गत रखा जाना चाहिए, जिससे धर्म और संस्कृति की रक्षा हो सके।
अभियान की शुरुआत
विहिप ने मंदिरों को सरकारी नियंत्रण से मुक्त कराने के लिए व्यापक स्तर पर आंदोलन की शुरुआत करने का ऐलान किया है। सुरेंद्र जैन ने कहा कि विहिप इस मुद्दे पर जनता के बीच जागरूकता फैलाएगी और सरकार पर दबाव बनाएगी कि मंदिरों को स्वायत्तता दी जाए। इसके लिए विहिप देश भर में रैलियां और जनसभाएं आयोजित करेगी।
मंदिरों के प्रबंधन पर सवाल
प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान जैन ने सरकारों द्वारा मंदिरों के प्रबंधन में किए जा रहे हस्तक्षेप पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि केवल मंदिरों पर ही इस तरह का सरकारी नियंत्रण क्यों है, जबकि अन्य धर्मस्थलों के मामलों में ऐसा नहीं किया जाता। उन्होंने यह भी दावा किया कि मंदिरों की आय का बड़ा हिस्सा सरकार द्वारा अन्य उद्देश्यों के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है, जो अनुचित है।
विहिप की मांग
विहिप ने स्पष्ट किया कि उनकी मांग केवल मंदिरों की संपत्ति को सुरक्षित रखने तक सीमित नहीं है, बल्कि वे यह चाहते हैं कि मंदिरों के प्रबंधन का अधिकार भी धार्मिक समुदायों के पास रहे। सुरेंद्र जैन ने कहा, “मंदिरों का संचालन और उनका संरक्षण केवल हिंदू समाज के हाथों में होना चाहिए।”