साइक्लोन ‘दाना’: हाई अलर्ट पर सेना, नौसेना और तटरक्षक बल की टीमें
“चक्रवाती तूफान दाना के आज रात ओडिशा तट से टकराने की आशंका है। उत्तरी ओडिशा और पश्चिम बंगाल तटों से यह चक्रवात लगभग 120 किमी प्रति घंटे की रफ्तार के साथ टकरा सकता है”
चक्रवाती तूफान दाना के आज रात ओडिशा तट से टकराने की आशंका है। मौसम विभाग ने कहा कि चक्रवाती तुफान ‘दाना’ उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ रहा है। पुरी और सागर द्वीप के बीच भीतरकनिका और धामरा के करीब उत्तरी ओडिशा और पश्चिम बंगाल तटों से यह चक्रवात लगभग 120 किमी प्रति घंटे की रफ्तार के साथ टकरा सकता है।
चक्रवात के टकराने से ठीक पहले भद्रक, बालासोर और केंद्रपाड़ा के कुछ हिस्सों में तेज बारिश और तूफान के साथ तेज रफ्तार से हवाएं चल सकती हैं। साइक्लोन दाना का असर पश्चिम बंगाल से लेकर ओडिशा, बिहार और झारखंड तक दिख सकता है। बंगाल-ओडिशा समेत कई राज्यों में आज और शुक्रवार को भारी बारिश होने की आशंका जताई गई है। चक्रवात के मद्देनजर कई जगहों पर स्कूल और कॉलेज बंद कर दिए गए है।
चक्रवाती तूफान दाना से निपटने के लिए कार्य युद्ध स्तर पर तैयारी की जा रही है, जिसमें प्रशासन द्वारा तटीय इलाकों से लोगों को निकालकर राहत शिविरों में भेजा जा रहा है। साथ ही राज्य के 14 जिलों के संवेदनशील इलाकों में 249 बचाव दल तैनात किए गए हैं। जिसमें NDRF की 20 टीम, ODRAF की 51 टीम और अग्निशमन सेवा की 178 टीम तैनात की हैं।
जबकि 45 अतिरिक्त टीम रिजर्व रखी गई हैं। वहीं, 46 गोताखोर को भी अलर्ट रखा है, तो वहीं भारतीय नौसेना के दो शिप अलर्ट मोड पर तैयार किये गये है। प्रशासन द्वारा 3,000 से अधिक ऐसे संवेदनशील गांवों को चिन्हित कर लोगों को सुरक्षित जगहों पर पहुंचाया जा रहा है जिसके लिए 840 पक्के और 5402 अस्थाई राहत शिविर बनाये गये है। साथ ही प्रशासन द्वारा समुद्र से लगभग मछुवारों की 19362 वोट को सुरक्षित किनारे लगाया गया है।
राज्य सरकार द्वारा लोगों के लिए जिले वार हेल्पलाइन नंबर भी जारी किए गए हैं। वहीं सरकार द्वारा उच्च स्तरीय बैठक के बाद फैसला लिया गया कि तमाम आश्रय स्थलों में भोजन, पेयजल, प्रकाश, स्वच्छता और स्वास्थ्य सुविधा के साथ-साथ शिशु आहार की व्यवस्था के लिए आवश्यक व्यवस्थाएं की गई हैं। अभियंत्रण विभाग क्षतिग्रस्त सड़कों की तत्काल मरम्मत की व्यवस्था करेंगे। सरकार की तरफ से आपदा प्रबंधन में अनुभव रखने वाले 6 वरिष्ठ आईएएस अधिकारियों को बचाव और राहत अभियान की समग्र निगरानी के लिए 6 अधिक संवेदनशील जिले पुरी, जगतसिंहपुर, केंद्रपाड़ा, मयूरभंज, भद्रक और बालासोर में तैनात किया गया है।
चक्रवात दाना को देखते हुए पश्चिम बंगाल राजभवन ने भी जरूरत की इस घड़ी में जनता की सहायता के लिए एक टास्क फोर्स और नियंत्रण कक्ष स्थापित किया है। पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने तूफान को लेकर राजभवन में कल विशेषज्ञों और कोर टीम की आपात बैठक की। बैठक के दौरान राज्यपाल बोस ने लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी, साथ ही चक्रवात का सामना करने के लिए राज्य सरकार के प्रोटोकॉल और निर्देशों का पालन करने की बात कही।