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1984 सिख दंगा मामला: सज्जन कुमार पर हत्या और दंगे भड़काने के आरोप तय

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दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने 1984 सिख विरोधी दंगों के मामले में पूर्व कांग्रेस नेता सज्जन कुमार के खिलाफ हत्या, दंगा भड़काने, लूटपाट और आगजनी के गंभीर आरोप तय किए हैं। एसआईटी (विशेष जांच दल) की रिपोर्ट में सज्जन कुमार पर भीड़ को उकसाने और सिख समुदाय पर हमला करवाने का आरोप लगाया गया है।

कौन-कौन से आरोप तय किए गए?

अदालत ने 16 दिसंबर 2021 को भारतीय दंड संहिता (IPC) की निम्नलिखित धाराओं के तहत सज्जन कुमार के खिलाफ आरोप तय किए:

धारा 147, 148 और 149 – दंगा और गैरकानूनी भीड़ में शामिल होने के लिए।
धारा 302 – हत्या के लिए।
धारा 308 – हत्या का प्रयास।
धारा 323 – मारपीट और चोट पहुंचाने के लिए।
धारा 395, 397 – डकैती और हथियारों के साथ हमला।
धारा 427, 436 और 440 – आगजनी और संपत्ति को नष्ट करने के लिए।

एसआईटी की रिपोर्ट में क्या कहा गया?

एसआईटी ने आरोप लगाया कि सज्जन कुमार ने दंगे भड़काने के लिए भीड़ को उकसाया, जिसके बाद सरदार जसवंत सिंह और सरदार तरुणदीप सिंह को जिंदा जला दिया गया और उनके घर को लूटकर आग लगा दी गई। इस हिंसा में कई अन्य लोग घायल हुए थे।

पीड़ित परिवार की न्याय की लड़ाई

इस मामले में समाजसेवी सोनू जंडियाला ने आईएएनएस से बातचीत में सज्जन कुमार के लिए फांसी की सजा की मांग की थी। उन्होंने कहा:

“आज बहुत से लोग इस दुनिया में नहीं रहे। उनकी आत्मा को शांति मिले, इसलिए जरूरी है कि इन लोगों को फांसी की सजा सुनाई जाए।”

सज्जन कुमार का बचाव

1 नवंबर 2023 को कोर्ट में सज्जन कुमार का बयान दर्ज किया गया, जिसमें उन्होंने अपने ऊपर लगे सभी आरोपों से इनकार किया। हालांकि, सिख समुदाय और पीड़ित परिवार लंबे समय से न्याय की मांग कर रहे हैं।

1984 दंगों में हजारों लोग बने थे निशाना

1984 में इंदिरा गांधी की हत्या के बाद भड़के सिख विरोधी दंगों में हजारों सिखों की हत्या कर दी गई थी। इस दौरान दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश सहित कई राज्यों में सिख समुदाय को हिंसा का शिकार बनाया गया

1984 सिख दंगों से जुड़े इस मामले में सज्जन कुमार के खिलाफ आरोप तय होने के बाद न्याय की उम्मीद एक बार फिर जगी है। अब देखना यह होगा कि कोर्ट इस मामले में आगे क्या फैसला सुनाती है और पीड़ित परिवारों को कब तक न्याय मिलता है।