भारत वैश्विक व्यापार और निवेश के लिए आदर्श गंतव्य: लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला
“लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने संसद भवन परिसर में 16 देशों के 100 से अधिक सीईओ, उद्योगपतियों और कंपनी संस्थापकों के प्रतिनिधिमंडल को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि भारत केवल व्यापार और निवेश के अवसर नहीं देता, बल्कि वैश्विक स्तर पर विभिन्न क्षेत्रों में नेतृत्व और समाधान भी प्रदान करता है।“
भारत की राजनीतिक स्थिरता और सुशासन बना वैश्विक आकर्षण
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि भारत की राजनीतिक स्थिरता और सुशासन ने उसे वैश्विक नेतृत्व में एक महत्वपूर्ण स्थान दिलाया है।
उन्होंने बताया कि भारत की विकास की सोच “वसुधैव कुटुंबकम” के दर्शन पर आधारित है, जिसका अर्थ है कि पूरी दुनिया एक परिवार है।
भारत का लोकतांत्रिक ढांचा शांति, विकास और प्रगति का मजबूत आधार बन रहा है।
प्रतिनिधिमंडल की भारत की प्रगति में गहरी रुचि
इस बैठक में हार्वर्ड बिजनेस स्कूल के पूर्व छात्रों का प्रतिनिधिमंडल भी शामिल था।
प्रतिनिधियों ने भारत की आर्थिक प्रगति और वैश्विक मंच पर उसकी बढ़ती भूमिका को लेकर अपनी गहरी रुचि व्यक्त की।
वे जानना चाहते थे कि किन नीतियों ने भारत को वैश्विक स्तर पर तेजी से आगे बढ़ाने में मदद की है।
“विकसित भारत” के लक्ष्य की ओर तेज़ी से बढ़ रहा है देश
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत “विकसित भारत” के लक्ष्य की ओर तेज़ी से बढ़ रहा है।
उन्होंने निवेशकों को भारत में निवेश के लिए आमंत्रित किया और उन्हें हर संभव सहयोग का आश्वासन दिया।
बिरला ने कहा कि संसदीय लोकतंत्र शासन का सबसे प्रभावी स्वरूप है, जो विभिन्न समस्याओं के समाधान में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
भारत में निवेश के लिए क्यों आकर्षित हो रहे विदेशी उद्योगपति?
मजबूत लोकतंत्र: भारत का लोकतंत्र दुनिया के सबसे बड़े और सबसे स्थिर लोकतांत्रिक प्रणालियों में से एक है।
तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था: भारत 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने की ओर अग्रसर है।
व्यापार-अनुकूल माहौल: सरकार द्वारा लगातार कारोबारी सुधारों को लागू किया जा रहा है।
वैश्विक तकनीकी हब: भारत स्टार्टअप्स और तकनीकी इनोवेशन का प्रमुख केंद्र बनता जा रहा है।
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने भारत की आर्थिक और राजनीतिक स्थिरता को दुनिया के लिए आदर्श बताया।
उन्होंने वैश्विक निवेशकों को भारत में निवेश के लिए आमंत्रित किया और भरोसा दिलाया कि उन्हें हर संभव सहयोग मिलेगा।
“वसुधैव कुटुंबकम” की सोच के साथ भारत केवल व्यापार और निवेश का ही नहीं, बल्कि वैश्विक समस्याओं के समाधान का भी नेतृत्व कर रहा है।