बद्दी में मियावाकी पद्धति से 11 हजार पौधे लगाकर पर्यावरण संरक्षण की अनूठी पहल
“वर्धमान उद्योग समूह का बड़ा कदम: डेढ़ एकड़ में विकसित होगा मियावाकी वन”
इस प्रोजेक्ट को मियावाकी नाम दिया गया है जिसका अर्थ है कम जगह में ज्यादा से ज्यादा पौधे लगाकर घने जंगल तैयार करना। यह जंगल तीन साल में तैयार होगा और इसकी देखरेख भी वर्धमान टैक्सटाइल समूह करेगा।
उन्होंने कहा कि ऐसे प्रयास अन्य कारोबारियों व औद्योगिक घरानों को भी करने चाहिए। सोनाक्षी सिंह तोमर ने कहा कि आज का दिन हमारे पर्यावरण और हमारे समाज के लिए एक नई दिशा की शुरुआत का प्रतीक है।
मौजूदा समय में पर्यावरण संतुलन बनाए रखना सबसे बड़ी चुनौतियों में से एक है। इसी दिशा में, मियावाकी पद्धति से विकसित यह जंगल एक क्रांतिकारी कदम है, जो पर्यावरण संरक्षण की ओर हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
सीएसआर हैड संदीप गुलेरिया ने प्रोजेक्ट पर बताया कि मियावाकी पद्धति से तैयार वन भारी बारिश में मिट्टी की उपरी परत को बहने से रोकने का काम करते हैं। वर्धमान के समूह बद्दी के अध्यक्ष एवं निर्देशक आईएमजेएस सिद्धू ने मियावाकी प्रोजेक्ट और वर्धमान के कार्यों के बारे में बताया। समूह निरंतर अपनी सामाजिक दायित्यों का निर्वहन समूह के चेयरमैन एसपी.ओसवाल के मार्गदर्शन में करता आ रहा है।