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बांग्लादेश: शेख हसीना सरकार के पतन के बाद हिंदुओं की सुरक्षा पर संकट, कट्टरपंथियों की बढ़ती गतिविधियाँ

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13 सितंबर 2024: बांग्लादेश में शेख हसीना की सरकार के गिरने के बाद देश में हिंदुओं की स्थिति गंभीर हो गई है। हाल के दिनों में कट्टरपंथियों ने मनमानी करने का अवसर पा लिया है, जिससे हिंदू समुदाय में असुरक्षा और तनाव की स्थिति उत्पन्न हो गई है।

हिंदुओं की खराब स्थिति

सरकारी बदलाव के बाद से बांग्लादेश में हिंदू समुदाय के खिलाफ हमलों की संख्या में वृद्धि हुई है। कट्टरपंथी समूहों ने धार्मिक अल्पसंख्यकों को निशाना बनाकर उनके घरों और व्यवसायों पर हमला किया है। हिंदू पूजा स्थलों को भी क्षति पहुँचाई गई है, जिससे पूरे समुदाय में डर और असुरक्षा का माहौल बन गया है।

अंतरिम सरकार की विफलता

अंतरिम सरकार के मुखिया यूनुस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से फोन पर बातचीत कर हिंदुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने का आश्वासन दिया था। हालांकि, उनकी सरकार के कार्यकाल के दौरान सुरक्षा व्यवस्था में ढिलाई और कट्टरपंथियों को खुली छूट मिलने के कारण स्थिति अब बिगड़ चुकी है। यूनुस की सरकार के काले चेहरों ने वास्तविकता को उजागर कर दिया है कि सुरक्षा की गारंटी सिर्फ एक बयान तक सीमित रह गई है।

भारतीय प्रधानमंत्री की चिंता

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बांग्लादेश की स्थिति पर चिंता व्यक्त की है और अंतरराष्ट्रीय समुदाय से इस मुद्दे पर ध्यान देने की अपील की है। भारत ने बांग्लादेश की सरकार से हिंदू समुदाय की सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग की है और वहां की स्थिति को लेकर गंभीर चिंता जताई है।

स्थानीय नागरिकों की प्रतिक्रिया

बांग्लादेश के स्थानीय हिंदू नागरिकों ने इस स्थिति पर गहरी चिंता जताई है। उन्होंने अंतरिम सरकार से तुरंत सुरक्षा उपायों को प्रभावी बनाने की मांग की है और अंतर्राष्ट्रीय संगठनों से हस्तक्षेप की अपील की है। कई संगठन और मानवाधिकार समूह इस मुद्दे पर ध्यान दे रहे हैं और बांग्लादेश में हिंदुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए दबाव बना रहे हैं।

निष्कर्ष

बांग्लादेश में शेख हसीना सरकार के पतन के बाद हिंदू समुदाय की स्थिति अत्यंत दयनीय हो गई है। कट्टरपंथियों की गतिविधियों में बढ़ोतरी ने धार्मिक अल्पसंख्यकों के लिए सुरक्षा संकट उत्पन्न कर दिया है। अंतरिम सरकार की विफलता ने स्थिति को और बिगाड़ा है, और अब यह देखना होगा कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय और बांग्लादेश की सरकार इस मुद्दे पर कैसे कार्रवाई करते हैं।