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भारत का सामाजिक विकास की ओर मजबूत कदम: महिला सशक्तिकरण और समावेशी विकास पर ज़ोर

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महिला एवं बाल विकास राज्य मंत्री सावित्री ठाकुर ने न्यूयॉर्क में आयोजित सामाजिक विकास आयोग (CSocD) के 63वें सत्र में भारत का नेतृत्व किया। उन्होंने वैश्विक मंच पर भारत की महिला सशक्तिकरण, डिजिटल समावेशन, और सामाजिक सुरक्षा मॉडल पर अपने विचार प्रस्तुत किए।

कार्यक्रम में भारत के योगदान की मुख्य बातें:
✔️ महिलाओं की कार्यबल भागीदारी को बढ़ावा
✔️ लैंगिक डिजिटल विभाजन को समाप्त करने की पहल
✔️ 100 मिलियन से अधिक बच्चों, माताओं और किशोर लड़कियों को लाभ
✔️ स्वच्छ ऊर्जा, स्वच्छ पानी और किफायती आवास के माध्यम से जीवन स्तर में सुधार

भारत की सामाजिक सुरक्षा पहल: महिला सशक्तिकरण को मिली प्राथमिकता

महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने समाज में एकजुटता और सामाजिक सामंजस्य को मजबूत करने पर जोर दिया। मंत्री सावित्री ठाकुर ने कहा कि भारत ने महिलाओं के सशक्तिकरण और सामाजिक सुरक्षा को बढ़ाने के लिए कई प्रभावी कदम उठाए हैं।

महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने के लिए भारत के प्रयास:
✔️ 26 सप्ताह का सवेतन मातृत्व अवकाश
✔️ 37.5 मिलियन माताओं के लिए मातृत्व लाभ योजना
✔️ वन स्टॉप सेंटर और राष्ट्रीय महिला हेल्पलाइन का विस्तार
✔️ 100 मिलियन से अधिक महिलाओं को स्वयं सहायता समूहों (SHG) से जोड़ा गया

सावित्री ठाकुर का बयान:
“भारत ने महिलाओं और वंचित समुदायों को सशक्त बनाने के लिए एक मजबूत सामाजिक सुरक्षा मॉडल अपनाया है। हमारा लक्ष्य हर व्यक्ति तक शिक्षा, स्वास्थ्य और आर्थिक अवसर पहुंचाना है।”

🔹 डिजिटल समावेशन और महिला उद्यमिता को बढ़ावा

भारत ने डिजिटल साक्षरता और वित्तीय समावेशन को बढ़ावा देने के लिए कई प्रभावी कार्यक्रम लागू किए हैं। स्टार्टअप से लेकर बड़े व्यवसायों तक, लाखों महिला उद्यमियों को डिजिटल प्लेटफॉर्म के माध्यम से सक्षम बनाया गया है।

डिजिटल विकास के तहत:
✔️ महिलाओं के लिए वित्तीय साक्षरता कार्यक्रम
✔️ ग्रामीण क्षेत्रों में डिजिटल शिक्षा का विस्तार
✔️ आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत महिला उद्यमियों को बढ़ावा

सावित्री ठाकुर का बयान:
“हमारा लक्ष्य डिजिटल तकनीक को गांव-गांव तक पहुंचाना और महिलाओं को सशक्त बनाना है, ताकि वे आत्मनिर्भर बन सकें और देश की अर्थव्यवस्था में योगदान कर सकें।”

🔹 स्वच्छता, स्वास्थ्य और सामाजिक समावेशिता की दिशा में भारत का कदम

भारत ने पिछले कुछ वर्षों में स्वास्थ्य, पोषण और स्वच्छता में महत्वपूर्ण सुधार किया है।

महत्वपूर्ण पहलें:
✔️ स्वच्छ ऊर्जा और स्वच्छ जल की उपलब्धता
✔️ गरीबों के लिए 40 मिलियन से अधिक घर, जिनमें महिलाओं की हिस्सेदारी सुनिश्चित
✔️ प्रजनन स्वास्थ्य सेवाओं का विस्तार
✔️ कुपोषण और गरीबी उन्मूलन के लिए प्रभावी योजनाएं

सावित्री ठाकुर का बयान:
“भारत का अधिकार-आधारित दृष्टिकोण महिलाओं और वंचित समुदायों के जीवन को सकारात्मक रूप से बदल रहा है।”

🔹 वैश्विक मंच पर भारत की भूमिका

भारत की वैश्विक भागीदारी की मुख्य बातें:
✔️ 49 देशों की भागीदारी वाले सत्र में भारत का सक्रिय योगदान
✔️ सामाजिक विकास लक्ष्यों को लेकर वैश्विक सहयोग को मजबूत करने पर जोर
✔️ भारत के डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर मॉडल को वैश्विक स्तर पर पहचान

💬 महिला एवं बाल विकास मंत्रालय का बयान:
“भारत, सतत विकास लक्ष्यों को हासिल करने के लिए प्रतिबद्ध है और हम वैश्विक मंच पर अपनी योजनाओं और पहलों को साझा करने के लिए तैयार हैं।”

भारत महिलाओं की आर्थिक भागीदारी बढ़ाने और लैंगिक समानता को मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध है।
डिजिटल और वित्तीय समावेशन से लेकर स्वास्थ्य और सामाजिक सुरक्षा तक, देश महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए निरंतर प्रयासरत है।
2030 तक सतत विकास लक्ष्यों (SDGs) को पूरा करने के लिए भारत की रणनीति स्पष्ट है – समावेशी विकास, आर्थिक सशक्तिकरण और डिजिटल प्रगति।