भोपाल- एम्स ने युवा मरीज के दुर्लभ एड्रिनल ट्यूमर को हटाने के लिए सफल सर्जरी की
“एम्स भोपाल में दुर्लभ एड्रिनल ट्यूमर की सफल सर्जरी, मरीज को मिली नई जिंदगी”
एम्स भोपाल ने कार्यपालक निदेशक प्रोफेसर (डॉ.) अजय सिंह के नेतृत्व में चिकित्सा अनुसंधान और स्वास्थ्य देखभाल के क्षेत्र में कई महत्वपूर्ण उपलब्धियाँ हासिल की हैं। हाल ही में, संस्थान ने 27 वर्षीय पुरुष मरीज के शरीर से एक दुर्लभ और चुनौतीपूर्ण एड्रिनल ट्यूमर, जिसे फियोक्रोमोसाइटोमा कहा जाता है, को सफलतापूर्वक निकाला। यह ट्यूमर दो प्रमुख रक्त वाहिकाओं – इन्फीरियर वेना कावा (आईवीसी) और एओर्टा – के पीछे स्थित था, जो हृदय से रक्त के प्रवाह के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हैं।
इन वाहिकाओं की नाजुक स्थिति और ट्यूमर की संवेदनशीलता के कारण यह सर्जरी अत्यंत चुनौतीपूर्ण थी। फियोक्रोमोसाइटोमा एक दुर्लभ ट्यूमर है जो किडनी के ऊपर स्थित एड्रिनल ग्रंथियों में विकसित होता है। ये ट्यूमर अत्यधिक मात्रा में हार्मोन का उत्पादन करते हैं, जिससे अत्यधिक उच्च रक्तचाप, दिल की धड़कनों में वृद्धि और अचानक सिरदर्द जैसी गंभीर समस्याएं हो सकती हैं।
यदि समय पर इलाज न किया जाए, तो यह ट्यूमर जीवन के लिए घातक साबित हो सकता है। इस विशेष मामले में ट्यूमर का आकार असामान्य रूप से बड़ा था और यह महत्वपूर्ण संरचनाओं को दबा रहा था, जिससे इसे हटाना अत्यंत जटिल हो गया था। सर्जरी के दौरान एक बड़ी चुनौती ट्यूमर द्वारा हार्मोन के अत्यधिक स्राव के कारण होने वाले रक्तचाप में तीव्र उतार-चढ़ाव को नियंत्रित करना था।
फियोक्रोमोसाइटोमा एड्रिनलीन जैसे हार्मोन स्राव करता है, जिससे सर्जरी के दौरान मरीज का रक्तचाप खतरनाक स्तर तक बढ़ सकता है। ट्यूमर को हटाने के बाद रक्तचाप में अचानक गिरावट भी आ सकती है, जिसके लिए निरंतर निगरानी और सावधानीपूर्वक प्रबंधन की आवश्यकता होती है।