नेम प्लेट्स पर विवाद के बीच मंडी में 200 से अधिक रेहड़ी-फड़ी धारकों को जारी हुई प्लेट्स
“नगर निगम मंडी का कदम: रेहड़ी-फड़ी वालों को मिली नई पहचान”
विक्रमादित्य सिंह के इस बयान का मंडी शहर के रेहड़ी-फड़ी धारकों ने समर्थन किया था। हालांकि उस वक्त भी कुछ रेहड़ी-फड़ी धारकों को नेम प्लेट्स जारी हो चुकी थी। लेकिन गत दिनों संपन्न हुई नगर निगम मंडी का टाउन वैंडिंग कमेटी की बैठक में सभी रेहड़ी-फड़ी धारकों को यह नमे प्लेट्स जारी करने का निर्णय लिया गया था।
नगर निगम मंडी के आयुक्त एचएस राणा ने बताया कि टाउन वैंडिंग एक्ट में नेम प्लेट्स देने का प्रावधान पहले से ही है। शहर में 250 पंजीकृत रेहड़ी-फड़ी धारक हैं। इनमें से पहले कुछ को ही नेम प्लेट्स जारी हुई थी लेकिन अब 200 से अधिक लोगों को यह जारी कर दी गई है। बाकी की वेरिफिकेशन का कार्य जारी है और उन्हें भी जल्द ही इसे दे दिया जाएगा।
उन्होंने कहा कि यह नेम प्लेट्स एक तरह से व्यक्ति की पूरी पहचान को दर्शाती है। वह कहां से है, क्या काम करता है और कितने समय से काम कर रहा है, इस प्रकार की सारी जानकारी उसमें अंकित की गई है।
टाउन वैंडिंग एक्ट के तहत हर पंजीकृत रेहड़ी-फड़ी धारक को एक नंबर जारी किया जाता है और यह नंबर भी उस नेम प्लेट पर लिखा गया है। वहीं, मंडी शहर के रेहड़ी-फड़ी धारकों ने नगर निगम के इस फैसले का स्वागत किया है और छूटे हुए सभी धारकों को भी इसे जल्द से जल्द जारी करने की मांग उठाई है।
मंडी शहर के महामृत्युंज्य चौक पर रेहड़ी लगाने वाले मनी राम ने कहा कि नेम प्लेट लगनी जरूरी है ताकि खरीददार को विक्रेता के बारे में जानकारी मिल सके। इससे हमें भी एक पहचान मिलती है। लेकिन नगर निगम को चाहिए कि इन नेम प्लेट्स को सभी को आबंटित किया जाए और सुविधाओं में भी ईजाफा किया जाए।