भारत-कतर साझेदारी: व्यापार से आगे, तकनीक और ऊर्जा में नए अवसर
“ भारत और कतर के बीच व्यापारिक संबंध अब सिर्फ पारंपरिक व्यापार तक सीमित नहीं रहेंगे, बल्कि इनका विस्तार तकनीक, ऊर्जा, स्थिरता और उद्यमिता के नए क्षेत्रों में होगा। यह बात केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने इंडिया-कतर बिजनेस फोरम के उद्घाटन सत्र में कही।“
तकनीक और व्यापार में नए अवसर
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि भारत-कतर संबंध भरोसे, व्यापार और परंपरा पर आधारित हैं, लेकिन बदलते वैश्विक व्यापार परिदृश्य में अब यह सहयोग आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI), इंटरनेट ऑफ थिंग्स (IoT), क्वांटम कंप्यूटिंग और सेमीकंडक्टर्स जैसे अत्याधुनिक क्षेत्रों में भी विस्तार कर रहा है।
AI और IoT: औद्योगिक ऑटोमेशन और डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन में सहयोग बढ़ेगा।
क्वांटम कंप्यूटिंग: सुरक्षित डेटा ट्रांसमिशन और हाई-स्पीड प्रोसेसिंग के लिए काम किया जाएगा।
सेमीकंडक्टर्स: भारत और कतर मिलकर सेमीकंडक्टर चिप निर्माण में निवेश बढ़ा सकते हैं।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि यह बदलाव ऐसे समय में हो रहा है जब दुनिया सामरिक तनाव, जलवायु परिवर्तन, साइबर सुरक्षा और स्थानीय उत्पादन को बढ़ावा देने जैसी चुनौतियों का सामना कर रही है।
भारत और कतर की परस्पर पूरकता
ऊर्जा और टेक्नोलॉजी का संगम – भारत और कतर ऊर्जा और तकनीक में एक-दूसरे के पूरक हैं।
व्यापार और निवेश का विस्तार – कतर की कंपनियां भारतीय बाजार में और निवेश करेंगी।
उद्यमिता और स्टार्टअप सहयोग – स्टार्टअप्स को बढ़ावा देने के लिए नई योजनाएं बनाई जाएंगी।
दो महत्वपूर्ण समझौते हुए
कतर बिजनेसमैन एसोसिएशन (QBA) और भारतीय उद्योग परिसंघ (CII) के बीच समझौता
इन्वेस्ट कतर और इन्वेस्ट इंडिया के बीच समझौता
इसके अलावा, व्यापार और वाणिज्य पर बने संयुक्त कार्य समूह को मंत्री स्तर तक बढ़ाने की घोषणा की गई। इससे द्विपक्षीय व्यापार संबंधों को मजबूती मिलेगी और नए निवेश अवसरों का द्वार खुलेगा।
भारत-कतर व्यापार के प्रमुख क्षेत्र
ऊर्जा सेक्टर: कतर भारत का सबसे बड़ा LNG (लिक्विफाइड नेचुरल गैस) आपूर्तिकर्ता है।
रियल एस्टेट और इंफ्रास्ट्रक्चर: कतर भारतीय स्मार्ट सिटी परियोजनाओं में निवेश कर सकता है।
डिजिटल इकोनॉमी: कतर और भारत डिजिटल भुगतान और ई-कॉमर्स में सहयोग बढ़ाएंगे।
हेल्थकेयर और फार्मा: भारत की फार्मा कंपनियां कतर में अपने उत्पादों का विस्तार करेंगी।
भारत और कतर की साझेदारी अब पारंपरिक व्यापार तक सीमित नहीं रहेगी।
तकनीक, ऊर्जा और उद्यमिता के क्षेत्र में नए अवसर खुलेंगे।
दोनों देशों के बीच AI, IoT और क्वांटम कंप्यूटिंग में सहयोग बढ़ेगा।
कतर के निवेशक भारतीय स्टार्टअप्स और डिजिटल इकोनॉमी में निवेश करेंगे।
व्यापारिक समझौतों और उच्चस्तरीय वार्ताओं से द्विपक्षीय संबंध मजबूत होंगे।