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दिल्ली में राजनीतिक उथल-पुथल: कैलाश गहलोत का इस्तीफा और अनिल झा का आप में स्वागत

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“अरविंद केजरीवाल का जवाब: पूर्वांचल के विकास पर जोर”

कैलाश गहलोत ने अरविंद केजरीवाल को लिखे पत्र में आरोप लगाते हुए लिखा है कि जिस ईमानदार राजनीति के चलते वह आम आदमी पार्टी में आए थे, वैसा अब नहीं हो रहा है। उन्होंने पार्टी के संयोजक व पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल के सरकारी आवास को ‘शीशमहल’ करार देते हुए कई आरोप भी लगाए हैं। 

दिल्ली सरकार में परिवहन मंत्री रहे कैलाश गहलोत ने लिखा कि “अरविंद केजरीवाल जी, मैं आपको सबसे पहले एक विधायक और एक मंत्री के रूप में दिल्ली  के लोगों की सेवा करने और उनका प्रतिनिधित्व करने का सम्मान देने के लिए ईमानदारी से धन्यवाद देना चाहता हूं। 

हालांकि, साथ ही मैं यह भी बताना चाहता हूं कि आज आम आदमी पार्टी के सामने गंभीर चुनौतियां हैं। अंदरूनी चुनौतियां, उन्हीं मूल्यों के सामने जो हमें आप में लेकर आए।राजनीतिक महत्वाकांक्षाओं ने लोगों के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को पीछे छोड़ दिया है, जिससे कई वादे अधूरे रह गए हैं।

गहलोत ने लिखा कि हमने यमुना को स्वच्छ नदी में बदलने का वादा किया था, लेकिन ऐसा नहीं कर पाए। यमुना अब शायद पहले से भी ज्यादा प्रदूषित हो गई है। इसके अलावा, अब ‘शीशमहल’ जैसे कई शर्मनाक और अजीब विवाद भी हैं, जो अब सभी को संदेह में डाल रहे हैं कि क्या हम अभी भी आम आदमी होने पर विश्वास करते हैं?

चिट्ठी में लिखा है कि एक और दुखद बात यह है कि लोगों के अधिकारों के लिए लड़ने के बजाय हम केवल अपने राजनीतिक एजेंडे के लिए लड़ रहे हैं। इसने दिल्ली के लोगों को बुनियादी सेवाएं देने की हमारी क्षमता को भी गंभीर रूप से कमजोर कर दिया है। अब यह स्पष्ट है कि अगर दिल्ली सरकार अपना ज्यादातर समय केंद्र से लड़ने में बिताती है, तो दिल्ली के लिए वास्तविक प्रगति नहीं हो सकती।

मेरे पास कोई विकल्प नहीं: कैलाश गहलोत

कैलाश गहलोत ने अपने इस्तीफे की घोषणा करते हुए कहा कि उनकी राजनीतिक यात्रा दिल्ली के लोगों की सेवा करने की प्रतिबद्धता के साथ शुरू हुई थी और वह इस मिशन को जारी रखना चाहते हैं।

इस वजह से मेरे पास आप से अलग होने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा। इसलिए मैं आम आदमी पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे रहा हूं। गहलोत ने आप नेतृत्व को उनके स्वास्थ्य और भविष्य के लिए शुभकामनाएं भी दीं। साथ ही अपने पार्टी सहयोगियों और शुभचिंतकों को उनके कार्यकाल के दौरान उनके समर्थन के लिए धन्यवाद। 

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आप के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने कहा कि पूर्वांचल के लिए केजरीवाल ने काम किया है। 10 साल के दौरान सभी काम पूर्वांचल के लोग के लिए किए हैं। आप में दो बार के विधायक किराड़ी से अनिल झा शामिल हुए। कैलाश गहलोत के मामले पर केजरीवाल ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी।

दिल्ली के अंदर अगर पूर्वांचल के लिए अगर किसी एक व्यक्ति ने काम किया है तो वे मात्र अरविंद केजरीवाल हैं। आज के दस साल पहले दिल्ली की कच्ची कॉलोनी की व्यवस्था जर्जर होती थी। लेकिन 10 साल के अंदर आज वह पूरी तरह बदल चुके है। उनमें रहने वाले पूर्वांचली को पीने का पानी, बिजली शानदार काम किया है।

प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान अरविंद केजरीवाल ने कहा कि किसी एक व्यक्ति ने काम किया है तो वह व्यक्ति है। यूपी बिहार से जब कोई व्यक्ति दिल्ली में काम धंधे की तलाश से पढ़ाई करने के लिए जब दिल्ली में आता है तो कच्ची कॉलोनियों के अंदर रहता है।

दिल्ली की जितने भी कच्ची कॉलोनी से वहां रहता है। आज से 10 साल पहले वह सारी कच्ची कॉलोनियां नर्क का दूसरा रूप होती थी। ना सड़के होती थी, लोग घुटने भर के कीचड़ में रहते थे। ना पीने के पानी की व्यवस्था होती थी। न सीवर की व्यवस्था होती थी, न लाइट होती थी।

केजरीवाल ने आगे कहा कि मात्र 10 साल के अंदर दिल्ली के वह सारे इलाके जहां पर पूर्वांचल के लोग रहते हैं, जितनी भी कच्ची कॉलोनियां हैं। वहां पर आज शानदार सड़कें आपको मिलेंगे। पानी की पाइपलाइन आपको हर जगह मिलेगी। लोग अपने घरों के अंदर पानी अब ले रहे हैं। 

सीवर की लाइन पूरी दिल्ली के अंदर बढ़ा दिया। आज उसे तरह से जो कीचड़ में गंदे में पूरी तरह से पूर्वांचल के लोग रहते थे। दो बार किराड़ी से विधायक रहे और दिल्ली यूनिवर्सिटी में पिछले 25 सालों में मात्र एक व्यक्ति पूर्वांचल का व्यक्ति जो की अध्यक्ष रहा। दिल्ली यूनिवर्सिटी का वह अनिल झा आज हमारे साथ जुड़ रहे हैं  जो भारतीय जनता पार्टी में थे। 

पीसी के दौरान उन्होंने कहा कि आज के लोगों के साथ दोनों पार्टियों ने केवल राजनीति करने के सिवा कोई काम नहीं किया। केवल और केवल राजनीति की। 2015 में जब मैं मुख्यमंत्री बना और जब मैं अफसर के पहले में गली-गली में बहुत घुमा।

दिल्ली के अंदर और जब कच्ची कॉलोनी में जाता था तो इतना-इतना पानी होता था। कोई पानी की निकासी नहीं थी। पीने का पानी नहीं था। सीवर का कोई सिस्टम नहीं था। कोई अस्पताल नहीं थे। कोई दवा कुछ नहीं था। कोई स्कूल नहीं थे कोई विकास नहीं था।